Friday, July 2, 2010

वो पुरानी डायरी

प्यारे साथियों,

पहले कहाँ वो वक़्त हुआ करता था, जब इतनी आसानी से हम अपनी बात दुनिया के सामने रख सकते थे। आज ब्लॉग का जरिया एक ऐसा जरिया है की आप दुनिया को बता सकते हैं कि हाँ कुछ है ऐसा जो लाया जा सकता है सबके सामने।

सो आज उठाई है वो अपनी पुरानी डायरी जो सिर्फ और सिर्फ धूल ही फांक रही थी और कुछ नहीं।
ये पन्ने करीब 30साल पुराने हैं, आज दुनिया के सामने ला रहा हूँ।
आपके प्यार कि दरकार है।

आपका
अब्दुल जलील

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